Monday, September 2, 2013

धर्म की हानी

 जय श्री राधा कृष्ण॥

धर्म  की आँधी


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आज जिसे देखो वही धार्मिक दिखता है, चारों तरफ़ धार्मिक आयोजन होते नजर आते हैं ,आप किसी भी धर्म के तीर्थों में चले जाएँ आपको वहा लोगों की भरी भीड़ नजर आयेगी ,जगह जगह प्रसाद वितरण ,प्याऊ,आदि चीजों का वितरण होता नजर आएगा |शहरों  गाँवों में एक दूसरे में धर्म के दिखावे की प्रतियोग्ता हो रही है |पहले समय में कही कही इलाकों में सालों में कोई एक दो भागवत आदि के धार्मिक आयोजन देखने को मिलते थे लेकिन उनका प्रभाव पूरा नजर आता था लोगों ले धर्म के प्रति शारदा उत्पन्न होती थी  |आज हर गली मोहल्ले में कई कई आयोजन होते हैं  टीवी पर अनेकों चैनल धार्मिक कार्यक्रम सारे दिन दिखाते हैं लेकिन धार्मिकता कही नजर नही आती इसका कारण ये धर्म की आधी है | मित्रों धर्म  की आँधी  हमेशा विनाशकारी  होती है उसमें पेड़ ,मकान, खेत आदि सभी को हानि होती है | सुकून तो केवल मंद-मंद हवा से ही मिलता है | आज ये धर्म की आँधी हम लोगों कि धार्मिक  श्रद्धा-विशवाश भावनाओं को हनी पहुँचा रही है | इसका कारण केवल हमारे धर्मो के वे गुरू है, जो धर्म के पोस्का ना होकर धर्म के दोहक हैं | जो आपे स्वार्थ के अनुशार धर्म की परिभाषा बना देते है जैसे ‌‌-कुछ संत कहते हैं कि मनुष्य को माया का त्याग कर देना चाहिए  माया नश्वर है वे ही संत माया का सानगढ़ करते रहते हैं और कोर्ट कचहरी के चक्कर लगते देखे जाते  है | उनका मतलब होता है कि आप त्याग कर हमे देदो | आज समाज में ऎसे अनेकों संत महन्त वे  नकाब हो रहे है, वे सारे आपराधिक वा घृणित कार्यों में लिप्त है | आसाराम,नित्यानंद ,गुल्जारअहमद भट्ट ,स्वामी प्रेमा नंद ,आदि धार्मिक गुरू धर्म बदनाम कर रहे है |  धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करके अपनी तिजोरी भरते है | ये किसी का उद्दार  क्या करेंगे | धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि सभी असुरों ने साधु का ही भेष धारण किया था चाहे रावण हो या काल्नेमि हो ये  सब वही लोग है, इनसे सावधानी की आवश्यकता है | प्रत्येक मनुष्य  को आपने धर्म के प्रति  समर्पित होना चहिए मगर साधु भेष धरी इन अपराधियों को पह्चनो ये धर्म और समाज दोनों के दुश्मन है | इसी लिए मित्रों इस आँधी से बचो | 

 जय श्री राधा कृष्ण॥

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