बलभद्र शुभद्राभ्याम् जगन्नाथाय ते नमः।।
नीलाचल निवासाय नित्याय परमात्मने।
बलभद्र शुभद्राभ्याम् जगन्नाथाय ते नमः।।
परसत चरणारविन्द आपदा हरी
निरखत मुखारविंद आपदा हरी
कंचन धुप धयान ज्योति जगमगी
अग्नि कुंण्डल घृतपाव सथरी
देवन दवारे ठाडे रोहिणी खड़ी
मारकण्डे श्वेत गंगा आन करी
गरुण खंभ सिह पौर यात्री जुडी
यात्री की भीड़ बहुंत बेंत की छड़ी
धन्य - धन्य सूरश्याम आज की घडी
परसत चरणारविन्द आपदा हरी
॥ जय श्री राधा कृष्ण॥
परसत चरणारविन्द आपदा हरी
॥ जय श्री राधा कृष्ण॥
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